इंदौर जिले (District Indore) के बारे में
प्राचीन(पुराना) नाम इन्द्रपुर, इंदुर, अहिल्यानगरी है।जनसंख्या की दृष्टि से म.प्र. का सबसे बड़ा जिला इंदौर है जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ी तहसील भी इंदौर है। म.प्र. के मिनी मुम्बई और म.प्र. का मैनचेस्टर के नाम से भी इंदौर जिले को जाना जाता है।
इंदौर जिले का गठन |
वर्ष 1956 |
मुख्यालय |
इंदौर |
इंदौर जिला का क्षेत्रफल |
3898 वर्ग कि.मी. (43 वाँ स्थान) |
इंदौर जिला की प्रमुख नदियाँ |
खान, सरस्वती, गंभीर |
इंदौर जिला के सीमावर्ती जिले
उत्तर | उज्जैन | दक्षिण | खरगौन |
पूर्व | देवास | पश्चिम | धार |
इंदौर जिला में ग्रामो की संख्या |
629 ( 15 गैर आबादी) |
इंदौर जिला में तहसील |
05 ( देपालपुर, हातोद, सांवेर, इंदौर, महू ) |
विकासखण्ड |
05 ( देपालपुर, हातोद, सांवेर, इंदौर, महू ) |
इंदौर जिला की जनसंख्या |
3,276,697 ( म.प्र. में प्रथम स्थान पर ) |
जनसंख्या घनत्व |
841 प्रति वर्ग कि.मी. ( म.प्र. में दूसरा स्थान ) |
जनसंख्या वृध्दि दर |
32.88% |
लिंगानुपात |
928 प्रति हजार पुरूष ( 29 वाँ स्थान ) |
शिशु लिंगानुपात |
901 प्रति हजार बालक |
कुल साक्षरता दर |
80.87 % ( द्वितीय स्थान ) |
पुरूष साक्षरता |
87.25 % ( म.प्र.में प्रथम स्थान ) |
महिला साक्षरता |
74.02 % |
इंदौर संभाग में शामिल 8 जिलों के नाम
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इंदौर जिला का इतिहास/ इंदौर रियासत का इतिहास
1857 की क्रांति का नेतृत्व इंदौर के महु से शहादत खाँ ने किया था इनकी समाधि इंदौर के लोकसेवा आयोग के सामने स्थित है
इंदौर का होलकर वंश
इंदौर में होल्कर वंश का शासन था।
होल्कर वंश की राजधानी इंदौर थी परन्तु बाद में देवी अहिल्या के समय महेश्वर स्थानांतरित कर दी गई ।
होल्कर वंश के संस्थापक मल्हार राव होल्कर थे, इनका जन्म पूणे के पास हॉल गाँव में हुआ था।
मल्हार राव हाल्कर ने 1747 में इंदौर में राजवाड़ा का निर्माण करवाया था।
अहिल्या बाई
अहिल्या बाई का जन्म जामखेड़ (अहमदनगर) महाराष्ट्र में हुआ था। इनका विवाह मल्हार राव होल्कर के पुत्र खाण्डेराव होल्कर से हुआ था। महेश्वर को अपनी राजधानी बनाया था।इनके प्रमुख दरबारी कुसालीराम, शाहिर अनंतफंदी, मोरोपंत थे। नर्मदा नदी पर महेश्वर घाट का निर्माण करवाया था।अहिल्या बाई ने तीर्थ स्थल और मंदिरो की मरम्मत करवाई थी जिनके प्रमुख मंदिर अयोध्या, बद्रीनाथ, हरिद्वार, द्वारिका व महाकालेश्वर मंदिर थे। महेश्वर में कपड़ा संरक्षण प्रदान किया जो वर्तमान में महेश्वर साड़ी के लिए प्रसिध्द है। महेश्वर की साड़ी का वर्तमान में म.प्र. सरकार द्वारा GI tag प्रदान किया गया।
इंदौर में प्रतिवर्ष अहिल्या उत्सव बनाया जाता है।
अहिल्या संग्रहालय और अहिल्या बाई की समाधि महेश्वर में स्थित है।
शिवाजी राव होल्कर ने इंदौर में लालबाग पैलेस का निर्माण करवाया था।
यसवंत राव होल्कर को इतिहासकार एन.एस.इनामदार ने मध्य भारत का नेपोलियन कहा है।
तुकोजी राव होल्कर तृतीय ने 1923 में इंदौर में नररत्न मंदिर का निर्माण करवाया था। जिसे वर्तमान में केंद्रीय संग्रहालय के नाम से जानते है।
यसवंत राव होल्कर II ने 1930 में माणिक बाग महल का निर्माण करवाया था। तथा 1940 में होल्कर एसोसिएशन की स्थापना की मध्य भारत विलय के समय शासक थे। पार्ट B को मध्यभारत के नाम से जानते है जिसमें ग्वालियर, देवास, इंदौर रियासत शामिल थी। मध्यभारत की दो राजधानियाँ – इंदौर और ग्वालियर थी। मध्यभारत के मुख्यमंत्री लीलाधर जोशी थे, जो शुजालपुर क्षेत्र के रहने वाले थे। मध्यभारत के राज प्रमुख जीवाजी राव थे। अमीर खाँ का जन्म इंदौर में हुआ था,यह संगीत कला से संबधित है इन्हें इंदौर घराना का संस्थापक कहते थे।
इंदौर जिले की सामान्य जानकारी
- मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी तथा खेल राजधानी इंदौर को कहते है।
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अमीर खाँ समारोह इंदौर में आयोजित किया जाता है।
- मध्यप्रदेश के शेयर मार्केट का मुख्यालय इंदौर जिला में स्थित है।
- मध्यप्रदेश वित्त निगम और लोकसेवा आयोग(MPPSC) का मुख्यालय इंदौर में है।
- महात्मा गांधी मेमोरियल चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना 1948 में इंदौर जिला में की गई।
- इंदौर के महु की जानापाव पहाड़ी(वांग्चु पॉइंट) से चंम्बल नदी का उद्गम हुआ है। यह नदी म.प्र. की दूसरे नम्बर की सबसे बड़ी नदी कहलाती है, इस नदी पर इंदौर जिले में 4 जलप्रपात का निर्माण करती है
चंबल नदी पर स्थित प्रसिद्ध जलप्रपात
1 – झाड़ीदोह जलप्रपात, 2 – पाताल पानी जलप्रपात
3 – जोगी भड़क जलप्रपात, 4 – टिंचापाल जलप्रपात |
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चोलर नदी से इंदौर जिले में जल की पूर्ति होती है।
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चोलर नदी को पुन:जीवित करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरूस्कार मिला है।
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इंदौर खान नदी (कान्हन नदी) पर बसा है।
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क्षिप्रा नदी का उद्गम काकरीबरड़ी पहाड़ी से हुआ है।
- मध्यप्रदेश की एक मात्र हलचल खेल पत्रिका इंदौर जिल से प्रकाशित होती है।
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वर्तमान में महु का नाम बदलकर डॉ. अम्बेडकर नगर कर दिया गया है। महु शहर चम्बल नदी के किनारे पर बसा हुआ है।
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राज्य का पहला दैनिक समाचार पत्र इंदौर जिले से प्रकाशित होता है।
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मध्यप्रदेश का प्रथम आकाशवाणी केंद्र 22 मई 1955 में इंदौर जिले में खोला गया।
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राला मण्डल म.प्र. का सबसे छोटा अभ्यारण है, जो इंदौर जिले में स्थित है। 2017 में राला मण्डल में प्रथम लोमड़ी संरक्षण केंद्र खोला गया। इसका क्षेत्रफल 2.34 वर्ग कि.मी. में फैला हुआ है। इस अभ्यारण में शिवाजी राव होल्कर का किला है।
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सिरपुर अभ्यारण इंदौर जिले में स्थित है।
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म.प्र. की औधोगिक राजधानी इंदौर को कहते है।
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देवी अहिल्या विश्व विद्यालय की स्थापना 1964 में की गई थी।
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म.प्र. का पहला सूखा बंदरगाह मागलिया है।
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महु ब्रिटिश काल में हेड क्वार्टर ऑफ वार (MHOW) वर्तमान में यहां एक सैनिक छावनी भी स्थित है।सर्वाधिक अनुसूचित जाति (SC) इंदौर जिले में है।
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2017-18 में प्रदेश का दूसरा तितली पार्क इंदौर में खोला गया है।
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सात पहाडियों से घिरे महु में विश्व का पहला CLOCK TEMPLE बनाया जा रहा है।
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इंदौर जिले में सर्वाधिक जल सिंचाई नल कूपों से की जाती है।
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मालवा की सबसे ऊंची चोटी सिंगार है।
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ग्रामोदय से भारत का उदय योजना 2016 का शुभारंभ महु से नरेन्द्र मोदी जी ने किया।
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रेवती फायरिंग हिल्स महु में स्थित है।
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23 जून 2018 को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से मोदी जी द्वारा अपनी बस सूत्र सेवा को अमृत योजना के तहत 20 शहरों में प्रारंभ किया।
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इंदौर में 31.55 कि.मी. की मेट्रो रेल की मंजूरी प्रदान की गई इस मेट्रो रेल के वास्तुकार रोहित गुप्ता है।
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इंदौर में देश का 20वां व प्रदेश का सर्वाधिक व्यस्तम देवी अहिल्या होल्कार हवाई अड्डा है।
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प्रदेश का प्रथम सौर ऊर्जा से संचालित ग्राम कस्तूरबा है
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इंदौर को शिक्षा की राजधानी कहते है। इंदौर सर्वाधिक महाविद्यालय वाला शहर है।
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म.प्र. का राज्य वस्त्र निगम इंदौर जिले में है।
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प्रदेश का एक मात्र शासकीय दंत चिकित्सालय इंदौर में स्थित है।
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अहिल्याबाई की 206वीं पुण्यतिथि के अवसर पर इंदौर हवाई अड्डे का नामकरण देवी अहिल्याबाई होल्कर कर दिया गया।
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देश की पहली स्किल्ड डेव्हलपमेंट यूनिवर्सिटी इंदौर जिले में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
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इंदौर जिला प्रदेश का दूसरा सर्वाधिक जनघनत्व 841 वाला जिला है। तथा प्रदेश का दूसरा सर्वाधिक साक्षरता 80.9 प्रतिशत वाला जिला है। जबकि पुरूष साक्षरता में 87.3 साक्षरता के कारण प्रथम स्थान पर है।
इंदौर जिला (District indeor) के प्रमुख अनुसंधान केंद्र
- गेहूं शोध संस्थान इंदौर में स्थित है।
- म. प्र. के इंदौर जिले का आलू उत्पान में प्रथम स्थान पर है, परंतु आलू अनुसंधान केंद्र ग्वालियर में स्थित है।
- इंदौर म.प्र. का एक मात्र जिला है, जहां पर IIT और IIM दोनों स्थित है।
- मध्यप्रदेश मौसम बेधशाला इंदौर जिले में स्थित है।
- सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण केंद्र इंदौर में स्थित है।
- पुलिस वायरलेस प्रशिक्षण केंद्र इंदौर में स्थित है।
- मानसिक चिकित्सा संस्थान इंदौर में स्थित है।
- क्रिस्टल आईटी पार्क इंदौर में स्थित है।
- इलेक्ट्रानिक्स कॉम्पलेक्स इंदौर जिले में स्थित है।
- देश का पहला डाटा सेंटर पार्क इंदौर जिले में स्थित है।
- डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक शोध सस्ंथान भी इंदौर में स्थित है।
CAT INDORE
- इंदौर में राजा रमन्ना लेजर अनुसंधान केंद्र 1984 में स्थापित किया गया। एशिया का पहला व विश्व का तीसरा लेजर अनुसंधान केंद्र है।
- 19 फरवरी 1984 को ज्ञानी जैल सिंह द्वारा CAT की स्थापना की गई। वर्ष 2005 में इसका नाम बदलकर RRCAT रखा गया। इसे BARC के सहयोग से बनाया गया।
- सूती वस्त्र में प्रथम स्थान पर जिला इंदौर है। 1907 में मालवा मील के नाम से प्रथम सूती वस्त्र की सफल मील खोली गई।
- म.प्र. वित्त निगम की स्थापना 1955 में इंदौर में की गई।
इंदौर के प्रसिद्ध खिलाड़ी
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नरेंद्र हिरवानी का सम्बंध क्रिकेट से है। जिनका जन्म इंदौर में हुआ है। नरेंद्र हिरवानी ने वेस्टइंडिज के खिलाफ एक ही टेस्ट मैच में 16 विकेट लेने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी बना।
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कैप्टन मुशताक अली प्रदेश के पहले क्रिकेट खिलाड़ी जिन्होंने विदेशी धरती पर शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है।
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चंदु सरवटे का सम्बंध क्रिकेट से है।
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रीता जैन का संबध टेबल टेनिस से है। यह इंदौर जिले की रहने वाली है।
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क्रिकेट का पहला क्लब पारसी क्रिकेट क्लब है। इस क्लब की स्थापना 1890 में की गई।
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अभिताभ विजयवर्गीय और देवेंद्र बुंदेला का सम्बंध रणजी क्रिकेट से है।
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म.प्र. क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) का मुख्यालय इंदौर में है।
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अमी कमानी इंदौर की स्नूकर खेल की खिलाड़ी है अमी कमानी को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
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शंकर लक्ष्मण का संबध हॉकी खेल से है। इन्हें गोली के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म इंदौर में हुआ था।
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जाल गोदरेज का संबध टेबल टेनिस है। इन्हें ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के नाम से जानते है।
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राहुल द्रविड का संबध क्रिकेट से है। इन्हें क्रिकेट की दीवार (दा वॉल) के नाम से जानते है। इनका जन्म इंदौर में हुआ था।
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परितेश पॉल का संबध पावर लिफ्टिंग से है।
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विक्रम पुरूस्कार 2018 से सम्मानित श्री अद्वेत पागे इंदौर से है। इनका संबध तैराकी खेल से है।
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विश्वामित्र पुरूस्कार 2019 से सम्मानित कोच श्री शरद जपे इंदौर से है। यह खो-खो खेल के कोच है।
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एकलव्य अवार्ड 2019 से सम्मानित श्री परमपदम् बिरथरे इंदौर से है। इनका संबध तैराकी खेल से है।
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एकलव्य अवार्ड 2019 से सम्मानित सुश्री अनुषा कुटुम्बले इंदौर से है। इनका संबध टेबल टेनिस खेल से है।
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आकाश नैनी ताल का संबध कब्बड्डी खेल से है।
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जूही झां का संबध खो-खो खेल से है। इनका जन्म इंदौर जिले में हुआ है।
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विक्रम अवार्ड 2019 से सम्मानित कु. पूजा पारखे इंदौर जिले से है। इनका संबध साफ्टबॉल से है।
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विश्वामिल पुरूस्कार 2019 से सम्मानित श्री अभिलाष एम.टी. इंदौर जिले से है। यह तैराकी खेल के कोच है।
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एकलव्य पुरूस्कार से सम्मानित कु.नित्यता जैन इंदौर से है। इनका संबध शतरंज खेल से है।
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भीम सोनकर इंदौर जिले से है। इनका संबध पावर लिफ्टिंग खेल से है।सुशील दोषी का जन्म इंदौर में हुआ था यह हिन्दी क्रिकेट के कमेन्टेटर है।
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नितिन नरेन्द्र मेनन का जन्म इंदौर में हुआ था यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के अम्पायर रहें।
इंदौर जिला के प्रसिद्ध खेल स्टेडियम
- अभय खेल प्रशाल इंडोर खेल प्रशाल है। यह म.प्र. का सबसे बड़ा इंडोर खेल प्रशाल है।
- ऊषा राजे स्टेडियम (होल्कर) में 15 अप्रेल 2006 में पहला वनडे मैच खेला गया था इसी होल्कर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में वीरेन्द्र सहवाग ने दोहरा शतक (219 रन) बनाये थे।
- 1961 में तुकोजी राव होल्कर ने इंदौर में होल्कर स्टेडियम का निर्माण करवाया था।
- नेहरू स्टेडियम इंदौर में स्थित है। इस स्टेडियम में म.प्र. के सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच खेले गए।
- 2018 में म.प्र. का पहला ड्राइंविग ट्रेक इंदौर में बनाया गया
इंदौर की खेल संस्थाएँ –
संस्थाएँ | स्थान |
म.प्र. ओलम्पिक एसोसिएशन | इंदौर |
म.प्र. स्नूकर एसोसिएशन | इंदौर |
म.प्र. क्रिकेट एसोसिएशन | इंदौर |
नोट – म.प्र.की प्रथम खेल नीति 1989 व नयी खेल नीति 2005 में प्रारंम्भ की गई।म.प्र.पहला राज्य जिसने स्कूल में एक पीरियड खेल के लिए अनिवार्य कर दिया है। |
इंदौर की प्रसिद्ध हस्तियां(Indore ki famous personality)
- लता मंगेशकर का जन्म इंदौर जिले में हुआ था।
- सलमान खान का जन्म इंदौर जिले में हुआ था। इनका संबध फिल्म जगत से है।
- सलीम खान इंदौर जिले के है। यह पटकथा के लेखक है।
- प्रभात जोशी का जन्म इंदौर जिले में हुआ यह जनसत्ता अखबार के संस्थापक थे।
- देवयानी कृष्ण का जन्म इंदौर में हुआ इनका संबध चित्रकला से है। यह होल्कर वंश से सम्बंधित है।
- नारायण श्रीधर बेन्द्रे का जन्म इंदौर में हुआ इनका संबध चित्रकला से है। इन्होंने अपनी चित्रों में नारियों को विशेष स्थान दिया है।
हिंगोट युध्द प्रथा इंदौर
गौतम पुरा इंदौर में दीवाली के दूसरे दिन हिंगोट युध्द खेला जाता है। इस पारम्परिक युध्द में जिसे हथियार का उपयोग होता है। वह एक फल है जिस फल को हिंगोट कहते है। जिसे दोनों दल के योध्दा एक दूसरे पर छोड़ते है।
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म.प्र. का राज्य वस्त्र निगम इंदौर जिले में है।
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प्रदेश का एक मात्र शासकीय दंत चिकित्सालय इंदौर में स्थित है।
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अहिल्याबाई की 206वीं पुण्यतिथि के अवसर पर इंदौर हवाई अड्डे का नामकरण देवी अहिल्याबाई होल्कर कर दिया गया।
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देश की पहली स्किल्ड डेव्हलपमेंट यूनिवर्सिटी इंदौर जिले (District Indore) में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
- इंदौर जिला (District indeor) प्रदेश का दूसरा सर्वाधिक जनघनत्व 841 वाला जिला है। तथा प्रदेश का दूसरा सर्वाधिक साक्षरता 80.9 प्रतिशत वाला जिला है। जबकि पुरूष साक्षरता में 87.3 साक्षरता के कारण प्रथम स्थान पर है।
इंदौर जिला के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक स्थल
24 अवतार मंदिर
इंदौर जिले (District Indore) की देपालपुर में संभवत: देश का पहला भगवान विष्णु के 24 अवतार का मंदिर बनाया गया है।
इन्द्रेश्वर मंदिर
यह मंदिर जूनी इंदौर में पंढरीनाथ पुलिस थाने के पीछे स्थित हैा यह कहा जाता है कि यह नगर का प्राचीनतम देवालय है, जिसे राष्ट्रकूट नरेश इन्द्र ने निर्मित कराया। इसी के नाम पर नगर का नाम इंदौर रखा। कहा जाता है कि राष्ट्रकूट नरेश इन्द्र ने यहाँ एक मंदिर का निर्माण कराया जो इन्द्रेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। जहाँ बसें ग्राम का नाम इन्द्रपुर रखा गया जो वर्तमान में इंदौर के नाम से प्रसिध्द है।
गाँधी हॉल
नगर के मध्य एम.जी. रोड पर स्थित गाँधी हॉल का पूर्व नाम किंग एडवर्ड टाउन हॉल था। यह भवन 1904ई. में किंग एम्परर एडवर्ड सप्तम के राज्यारोहण की स्मृति महोत्सव पर बंबई के प्रसिध्द वास्तुविद मि. स्टीवेन्सन की देखरेख में बना। 1948 में इसके नाम में परिवर्तन किया गया और यह महात्मा गाँधी हाल हो गया, इस भवन के अग्र भाग में एक घड़ी हुई है, जिसके कारण इसे घंटाकर भी कहा जाता है।
हवा बगला
इंदौर-रंगवासा मार्ग पर स्थित इस महल का निर्माण सन् 1884ई. मं महाराजा शिवाजीराव होल्कर द्वारा लगभग एक लाख रूपए की लागत से कराया गया था। इस तिमंजिले सुंदर भवन की संयोजना आयताकार है। ऊंचे टीले पर इस बंगले को इस तरह बनवाया गया कि यहाँ पर आठों प्रहर हवा का प्रवाहबना रहता है। वर्तमान में यहाँ नगर निगम का झोनल दफ्तर संचालित हो रहा है।
गोपाल मंदिर
नगर के मध्य राजबाड़े के दायीं ओर स्थितइस मंदिर का निर्माण महाराजा यशवंत राव होल्कर की प्रथम पत्नी कृष्णाबाई द्वारा 1832ई. में कराया था। विशाल प्रांगण में स्थित यह मंदिर उत्तराभिमुख है।
कृष्णपुरा छतरियाँ
इंदौर जिला (District Indore) में कृष्णपुरा की खान एवं चंद्रभागा नदियों में बनी छतरियाँ होल्कर वंश के राजाओं, रानियों की प्रमुख छतरियाँ है। कृष्णपुरा की छतरियों में राजमाता कृष्णाबाई की 1849 ई. में मृत्यु के बाद महाराजा तुकोजीराव होल्कर द्वितीय (1844-86) के समय निर्मित की गई। इसी के समीप महाराजा तुकोजीराव होल्कर द्वितीय (मृत्यु सन् 1886) एवं महाराजा शिवाजीराव होल्कर (मृत्यु सन् 1908) के दहन स्थल पर छतरियाँ बनाई गई हैं। यहाँ की छतरियाँ हिन्दू स्थापत्य शैली की अनूठी देन है, जो मंदिर परंपरा के आधार पर विकसित हुई।
बोलिया सरकार
बोलिया सरकार की छतरी खान नदी के पूर्वी तट पर कृष्णपुरा पुल के समीप स्थित है। इसका निर्माण 1858ई. में सरदार चिमनाजी अप्पा साहेब बोलिया की स्मृति में किया गया।
लाल बाग
स्थपत्य मूर्ति कला और चित्र कला का बेजोड़ उदाहरण लालबाग इंदौर शहर के मध्य में 72 एकड़ के विशाल भू-भाग में फैला हुआ है। इसमें अठारहवीं शताब्दी में होल्कर परिवार द्वारा बनाया गया महल भी है। होल्कर नरेश तुकोजीराव द्वितीय (1844-86) ने मिस्टर हार्वे के सहयोग से लालबाग में गुलाब चक्कर का निर्माण करवाया था। इस महल को अंतिम और विस्तृत स्वरूप तुकाजीराव तृतीय ने प्रदान किया।
शीश महल-कांच मंदिर
इंदौर नगर के मध्य में हुकुमचंद मार्ग पर सर सेठ हुकुमचंदजी द्वारा विशाल कांच मंदिर व शीश महल का निर्माण कराया गया था। दोनों मंदिर पास-पास ही है। यह देश में अपने प्रकार का एक अनूठा महल है। छत: दीवारें यहाँ तक कि फर्श भी काँच के है।
खजराना गणेश मंदिर
देवी अहिल्याबाई द्वारा निर्मित इस गणेश मंदिर के प्रति श्रध्दालुओं की गहरी आस्था है। मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। लगभग 4 एकड़ में फैले इस मंदिर में भगवान गणेश रिध्दी-सिध्दी के साथ विराजमान है। यही पर भगवान शिव और दुर्गा जी तथा शनि मंदिर भी स्थित है।
गोमत गिरी जैन तीर्थ स्थल
इंदौर जिला में स्थित है। यहां पर महावीर स्वामी आदिनाथ और पार्श्वनाथ की मूर्ति भी स्थित है।
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लेखक – मनोज प्रताप सिंह सिसोदिया
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