मध्यप्रदेश में रिकॉर्डेड वन क्षेत्र, राज्य अभिलेखानुसार जिसमें आरक्षित संरक्षित तथा वर्गीकृत वन शामिल है राज्य के कुल क्षेत्रफल का 30.72% है तथा क्षेत्रफल 94,689 वर्ग किलोमीटर है (भारत में 24.39% कुल वन क्षेत्र है) मध्यप्रदेश में वन को तीन भागों में विभाजित किया गया है

संरक्षित वन

यह कुल वन का 32.8% है यहां पशु चारण एवं लकड़ी काटना निषेध है परंतु लाइसेंस के तहत इस में लकड़ी कटाई होती है मध्य प्रदेश में कुल संरक्षित वन क्षेत्र 31098 वर्ग किलोमीटर है सर्वाधिक संरक्षित वन छतरपुर में तथा न्यूनतम खंडवा जिले में हैं

आरक्षित वन

आरक्षित वन पूर्णत प्रतिबंधित होते हैं इसमें सभी प्रकार की गतिविधि निषेध होती हैं मध्यप्रदेश में आरक्षित वन कुल वनों का 65.7% है तथा इसका क्षेत्रफल 61,886 वर्ग किलोमीटर है सर्वाधिक आरक्षित वन खंडवा जिले में तथा न्यूनतम आरक्षित छतरपुर जिले में है

अवर्गीकृत वन

इनका वर्गीकरण नहीं किया गया है इसमें पशु चारण तथा कटाई की अनुमति होती है मध्यप्रदेश में अवर्गीकृत वन 1.8% तथा क्षेत्रफल के आधार पर 1705 वर्ग किलोमीटर है

मध्यप्रदेश में वन

वन स्थिति रिपोर्ट 2017

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा वन स्थिति रिपोर्ट 2017 को प्रस्तुत की गई है जिसमें मध्य प्रदेश में कुल वन क्षेत्र (वनाच्छादित क्षेत्र) 77,414 वर्ग किलोमीटर जोकि 25.11% के बराबर है मध्यप्रदेश में वन आच्छादन क्षेत्र का विभाजन निम्न प्रकार है

1.सघन वन क्षेत्र 2.13% 

2.मध्यम वन क्षेत्र 11.5% 

3.खुला वन क्षेत्र 11.77% 

कुल वन क्षेत्र (वनाच्छादित क्षेत्र )= 25.12 %

पिछली रिपोर्ट से मध्य प्रदेश के वन क्षेत्रों में 48 वर्ग किलोमीटर की कमी आई है पिछले रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में 77462 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र थे वर्तमान में 2017 की रिपोर्ट में 77414 वर्ग किलोमीटर वन हैं अर्थात 48 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र की कमी आई है मध्यप्रदेश में झाड़ियां 2.0 4% क्षेत्र में फैली है

 मध्य प्रदेश में कुल वनाच्छादन तथा वृक्षाच्छादन क्षेत्रफल 85487 वर्ग किलोमीटर अर्थात 27.4% क्षेत्र में हैं 

मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र (वनाच्छादन) नक्शा 0.12 वर्ग किलोमीटर है तथा राष्ट्रीय औसत 0.07 वर्ग किलोमीटर है

भारत में कुल  वनक्षेत्र (वनाच्छादन क्षेत्र) 21.53% है जो क्षेत्रफल में 7,08,273 वर्ग किलोमीटर है

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक वनाच्छादन वाले जिले(Km में)

  • बालाघाट 4939 वर्ग किलोमीटर 
  • छिंदवाड़ा 4650 वर्ग किलोमीटर 
  • बैतूल 3653 1 किलोमीटर 
  • श्योपुर 3412 किलोमीटर

मध्यप्रदेश में न्यूनतम वनाच्छादित जिले(Km में)

  • उज्जैन 27 वर्ग किलोमीटर
  • शाजापुर  46 वर्ग किलोमीटर
  • रतलाम 55 वर्ग किलोमीटर

मध्यप्रदेश में 50% से अधिक  वनाच्छादन वाले जिले

  • बालाघाट 53.46%
  • श्योपुर 52.27%

मध्य प्रदेश में 40% से अधिक वनाच्छादन वाले जिले

  • उमरिया 48.85% 
  • मंडला 44.2 9% 
  • डिंडोरी 40.5%

मध्यप्रदेश में प्रतिशत के आधार पर न्यूनतम वनाच्छादन वाले जिले

  • उज्जैन 0.44%  
  • शाजापुर 0.74%

मध्यप्रदेश में सागौन वृक्ष

  1. मध्य प्रदेश के 19.36% वन क्षेत्र में सागौन वृक्ष का विस्तार है
  2.  बॉटनिकल नाम  टेक्टोनेग्रेन्डाई
  3. सागौन वृक्ष को 75 से 125 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है
  4. काली मिट्टी वृद्धि में सहायक
  5. सागौन वृक्ष उष्णकटिबंधीय अर्ध पर्णपाती वन वृक्ष
  6.  प्रमुख क्षेत्र होशंगाबाद (बोरी घाटी) बैतूल जबलपुर मंडला सागर छिंदवाड़ा

साल वृक्ष

  1. मध्यप्रदेश में इनका विस्तार 4.15% क्षेत्रफल में है
  2. साल वृक्ष का बॉटनिकल नेम शोरीया रोबुस्ता 
  3. इस वृक्ष के लिए 125 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है
  4.   लाल मिट्टी में अधिक विस्तार करते हैं
  5. साल वृक्ष उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन वृक्ष है
  6. मध्यप्रदेश में इनका विस्तार बघेलखंड क्षेत्र में है अर्थात सीधी शहडोल अनूपपुर सिंगरौली डिंडोरी
  7.  छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर तथा मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है
  8. साल वृक्ष की लकड़ी से रेलवे स्लीपर बनाए जाते हैं मध्य प्रदेश में स्लीपर बनाने का कारखाना बुधनी सीहोर में है 
  9. साल में साल बोरार कीट लगता है

 बाॅस

  1. बाॅस का बॉटनिकल नेम डेंड्रोकैलेमस स्ट्रिक्स
  2. इसके लिए 75 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है
  3.  ये उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन है 
  4.  मध्यप्रदेश में 50 लाख नोशनल टन बांस मौजूद है
  5. 1 नोशनल =  2400 मीटर बांस की लंबाई के बराबर होता है
  6. सीधी सिंगरौली में कटंग प्रजाति का बाॅस पाया जाता है
  7.  बाॅस को मिश्रित वन की श्रेणी में रखा गया है
  8. बांस उत्पादन में अरुणाचल प्रथम तथा मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है
  9. बांस का राष्ट्रीयकरण 1973 में किया गया
  10. मध्यप्रदेश बाॅस मिशन का गठन 3 जुलाई 2013 को किया गया 2018 से बाॅस को वृक्ष की श्रेणी से हटाकर घास श्रेणी में शामिल किया गया
  11. इंदौर (नौलखा) में बांस पार्क स्थापित किया गया है
  12. इंदौर में बांस शोरूम स्थापित है

मध्यप्रदेश में तेंदूपत्ता 

  1. इसका बॉटनिकल नाम डायोस्पायरोस मेलेन ऑक्सिलोन
  2. मध्यप्रदेश की प्रमुख लघु वन उपज है
  3. मध्य प्रदेश के उत्तर मध्य पूर्वी जिलों में मुख्य रूप से सागर टीकमगढ़ छतरपुर में तेंदूपत्ता उत्पादन प्रमुखता से होता है

खैर  वृक्ष

  1. इस वृक्ष से कत्था प्राप्त किया जाता है 
  2. इन वृक्षों का विस्तार गुना श्योपुर शिवपुरी में है
  3.  शिवपुरी और मुरैना (बानमोर) में कत्था कारखाना है

लाख वृक्ष

  1. लाख पलाश कुसुम वीर अरहर के पौधों से प्राप्त होती है
  2.  उमरिया जिले में लाख के कारखाने हैं
  3.  इसका उपयोग लाख की चूड़ियां बनाने में होता है 
  4. लाख उत्पादन में बिहार प्रथम तथा मध्यप्रदेश द्वितीय स्थान पर है

हर्रा वृक्ष

  1. हर्रा का उपयोग चमड़ा साफ करने में स्याही बनाने में पेंट बनाने में होता है
  2.  इसका विस्तार छिंदवाड़ा जबलपुर शिवपुर जिले में है

बहेड़ा 

  1. बहेड़ा मध्य प्रदेश के दक्षिण मध्य पूर्वी मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं इनका औषधि उपयोग है

आंवला

आंवला दक्षिण मध्य पूर्वी मध्य प्रदेश में पाया जाता है वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के अंतर्गत पन्ना को आंवला जिला घोषित किया है

कार्बन फ्लक्स टावर 

राज्य में पारिस्थितिकी तंत्र एवं मौसम परिवर्तन में पूर्व अनुमान व अध्ययन के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा 2012 में बैतूल (ताबडी) तथा 2007 में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मंडला में कार्बन फ्लक्स टावर स्थापित किए गए मध्य प्रदेश में कुल वन कार्बन स्टॉक 2018 में 695.664 मिलियन टन है (जो देश के कार्बन स्टॉक का 9.82% है)

मध्य प्रदेश में वन आधारित महत्वपूर्ण बिंदु

  1.  पहली वन नीति 1952 में बनी
  2.  मध्य प्रदेश की नई वन नीति 4 अप्रैल 2005 में वनी
  3.  नवीनतम राष्ट्रीय वन नीति 14 मार्च 2018 में घोषित की गई
  4.  सभी वन उत्पादों को समान मूल्य प्रदान करने वन उत्पादों का विपणन ब्रांड ” विंध्य हर्बल ” के तहत किया जाता है 
  5. मध्य प्रदेश  वनों का राष्ट्रीयकरण करने वाला प्रथम राज्य  है 1970 में मध्य प्रदेश में वनों का राष्ट्रीयकरण किया गया 
  6. तेंदूपत्ता का राष्ट्रीयकरण 1964 में हुआ 
  7. बांस का राष्ट्रीयकरण 1973 में हुआ 
  8. साल बीज का राष्ट्रीयकरण 1975 में किया गया
  9.  सामाजिक वानिकी योजना मध्यप्रदेश में 1976 में लाई गई
  10. मध्य प्रदेश मे पंचवन योजना 33%  से कम वृक्ष वाले जिलों में वृक्षारोपण से संबंधित है
  11. मिशन अस्तित्व मंदसौर स्थित गांधी सागर अभ्यारण में गिद्धों से संबंधित है गिद्ध गणना 2016 भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भोपाल द्वारा की गई जिसमें प्रदेश में 7 प्रजातियों के 8900 गिद्ध गणना की गई जो कि भारत में सर्वाधिक है मध्य प्रदेश का गिद्ध संरक्षण क्षेत्र पन्ना तथा केरवा भोपाल है
  12. मध्य प्रदेश के वनों  में मुख्य वन संपदा साल सागौन बांस है
  13.  गौण वन संपदा तेंदूपत्ता लाख हर्रा बहेरा खैर गोंद आदि
  14.  देश की 20% लकड़ी उत्पादन मध्य प्रदेश  करता है
  15. मध्यप्रदेश में जैव विविधता बोर्ड 11 अप्रैल 2005 में स्थापित किया गया मुख्यमंत्री इस बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है
  16. दो अभ्यारण हो या उद्यानों को आपस में वनपट्टी द्वारा जोड़ा जाना जंगल गलियारा कहलाता है 1999 में बांधवगढ़ तथा कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के बीच जंगल गलियारा बना
  17. मध्य प्रदेश के जैव विविधता विरासत स्थल पातालकोट छिंदवाड़ा नरो पहाड़ सतना है
  18. मध्यप्रदेश में यूनेस्को द्वारा जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र (बायोस्फीयर रिजर्व) पचमढ़ी (2009) में अमरकंटक अचानकमार (2012) पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (2018) में बनाए गए
  19. मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 1974 में भोपाल में स्थापित किया गया
  20.  पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन 1981 में भोपाल में स्थापित हुआ
  21.  राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण भोपाल में 2017 में स्थापित हुआ
  22.  अंतरराष्ट्रीय वन मेला भोपाल में 2017 में लगा
  23.  एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) का मुख्यालय दिल्ली में तथा पर्यावरण न्यायालय भोपाल में स्थापित है
  24. मध्य प्रदेश का प्रथम जैव विविधता पार्क साली कला जैव विविधता उद्यान खंडवा में स्थापित किया गया
  25.  तितली उद्यान रायसेन में है 
  26. मध्य प्रदेश झील संरक्षण प्राधिकरण 2004 में भोपाल में स्थापित हुआ
  27.  इको पर्यटन विकास बोर्ड 2005 में भोपाल में बना
  28.  आपदा प्रबंधन संस्थान 1987 में भोपाल में स्थापित 
  29.  बसामन मामा वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण पुरस्कार 2009 में प्रारंभ किया गया
  30.  पहला डॉल्फिन सेंटर बहरी जिला भिंड में स्थापित हुआ
  31. इमारती लकड़ी सर्वाधिक जबलपुर व नृत्य में होती है 2019 में कुल 925 1 ग्राम बनाए गए
  32. वन अनुसंधान केंद्र जबलपुर में है 
  33. उष्णकटिबंधीय वन संस्थान( ट्रॉपिकल फॉरेस्ट रिसर्च) का मुख्यालय जबलपुर है
  34.  रीवा- जैव ऊर्जा पार्क 
  35.  सतना – जैव विविधता पार्क 
  36. इंदौर  – जैव प्रौद्योगिकी पार्क 
  37.  इकोलॉजी पार्क भोपाल
  38.  जूलॉजिकल पार्क भोपाल

 

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