नर्मदा नदी को मध्यप्रदेश एवं गुजरात की जीवन रेखा कहते हैं । नर्मदा नदी को अनेक उप नामों से जाना जाता है इक्ष्वाकु वंश के राजा पुरुकुत्स ने रेवा , टाॅलमी ने नामो दोस , कालिदास की मेघदूतम में सोमोदेवी , अमर दास के अमरकोश में सोमप्रथा , इसके अतिरिक्त मेकलसूता , आनंद दायिनी , पाप हरणी , द रिवर आफ प्लेजर भी कहा है ।
नर्मदा नदी भारत मे बहने वाली पांचवीं सबसे बड़ी नदी है ।
- गंगा नदी – 2500 किलोमीटर
- गोदावरी नदी – 1465 किलोमीटर
- कृष्णा नदी – 1400 किलोमीटर
- यमुना नदी – 1376 किलोमीटर
- नर्मदा नदी – 1312 किलोमीटर
नर्मदा नदी का उद्गम
- नर्मदा नदी का उद्गम अनूपपुर की पुष्पराजगढ़ तहसील के अंतर्गत मैकल श्रेणी में स्थित अमरकंटक पहाड़ी (1127 मीटर ऊंची ) से हुआ है ।
नर्मदा नदी की लंबाई एवं विस्तार
- नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी की लंबाई 1077 किलोमीटर है ।
- 74 किलोमीटर महाराष्ट्र की सीमा को स्पर्श करते हुए प्रवाहित होती हैजिसमे 34 किलोमीटर तक मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा बनाते हुए प्रवाहित होती है तथा 40 किलोमीटर गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा बनाते हुए प्रवाहित होती है तथा फिर गुजरात में प्रवेश करती है ।
- गुजरात में नर्मदा नदी की लंबाई 161 किलोमीटर है ।
नर्मदा नदी का अपवाह क्षेत्र या बेसिन क्षेत्र
- नर्मदा नदी मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में अपना अपवाह क्षेत्र रखती है ।
- नर्मदा नदी का कुल अपवाह क्षेत्र अर्थात जल संग्रहण क्षेत्र 93,180 वर्ग किलोमीटर है ।
- मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी का जल ग्रहण क्षेत्र 89.8% ,गुजरात में 6.5% तथा महाराष्ट्र में 2.7% है ।
नर्मदा नदी 15 जिलों से प्रवाहित होती है
- मध्य प्रदेश के 15 जिलों से होकर प्रवाहित होती है अनूपपुर , डिंडोरी , मंडला , जबलपुर , नरसिंहपुर , होशंगाबाद , हरदा , रायसेन , सीहोर , खंडवा , खरगोन , देवास , धार , बड़वानी और अलीराजपुर |
नर्मदा की सहायक नदियां
- नर्मदा नदी की कुल 41 सहायक नदियां है ,जिसमें बाई ओर से 22 सहायक नदियाँ तथा दाएं ओर से 19 सहायक नदियां हैं ।
- बाई ओर से मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियां – थावर , बंजर महान , शक्कर, दुधी , शेर , तवा , गंजाल , छोटी तवा , हेलोन |
- दाई ओर से मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियां – बरगी , हिरण , वारना , चंद्रकेश , हथिनी, मान , कोलार |
- नर्मदा नदी विंध्याचल श्रेणी और सतपुड़ा श्रेणी के बीच स्थित भ्रंश घाटी या रिफ्ट वैली में प्रवाहित होने वाली नदी है नर्मदा नदी पूर्व से पश्चिम प्रवाहित होने वाली भारत की सबसे बड़ी नदी है नर्मदा नदी के अलावा ,ताप्ती , माही , तथा साबरमती नदी , पूर्व से पश्चिम प्रवाहित होती हैं ।
नर्मदा नदी पर स्थित प्रमुख स्थान एवं जलप्रपात एवं परियोजनाएं
अमरकंटक (अनूपपुर) –
- नर्मदा नदी अपने उद्गम से 8 मीटर पर कपिलधारा , दुग्ध धारा , शंभू धारा , दुर्गा धारा का निर्माण अमरकंटक में करती हैं ।
मंडला –
- मंडला में नर्मदा की सहायक थावर नदी पर थावर परियोजना है ।
- बंजर नदी जो कान्हा किसली से गुजरते हुए नर्मदा नदी में मिलती है
- इसके अतिरिक्त नर्मदा की सहायक नदी महान और हेलोन है जिन पर महान नदी परियोजना तथा हेलो नदी परियोजना स्थित हैं ।
जबलपुर –
- जबलपुर में नर्मदा नदी पर विश्व प्रसिद्ध संगमरमर वादियों के बीच भेड़ाघाट में धुआंधार प्रपात है ।
- इसके अतिरिक्त पंचवटी और बंदर कूदनी पर्यटन स्थल है।
- नर्मदा नदी जबलपुर में समतल मैदान में प्रवेश करती है।
- जबलपुर में नर्मदा की सहायक बरगी नदी पर , बरगी नदी परियोजना है जिसे रानी अवंती बाई परियोजना भी कहते हैं जिससे लाभान्वित जिले जबलपुर मंडला सिवनी है ।
- बरगी अपवर्तन परियोजना जिससे लाभान्वित जिले जबलपुर कटनी रीवा सतना है ।
नरसिंहपुर –
- नरसिंहपुर में सतधारा , भीमकुंड तथा अर्जुन कुंड है ।
- नरसिंहपुर से नर्मदा नदी की सहायक शक्कर , दूधी और शेर नदी हैं ।
होशंगाबाद –
- महादेव पर्वत से निकलने वाली तवा नदी जोकि नर्मदा नदी की सबसे बड़ी सहायक है बांद्राभान नामक स्थान पर बाई ओर से मिलती है तवा नदी का नर्मदा नदी से संगम बांद्राभान नामक स्थान पर होता है ।
- तवा बांध परियोजना नर्मदा घाटी विकास योजना के अंतर्गत बनने वाले 29 बड़े बांधों में पहली परियोजना है इस परियोजना का निर्माण तवा नदी और इसकी सहायक मालिनी – देनवा नदी के संगम पर किया गया है ।
हरदा और देवास –
- हरदा की हंडिया और देवास के नेमावर को नर्मदा नदी का नाभि स्थल कहा गया है , जिसके कारण यह दोनों स्थान आध्यात्मिक महत्व के स्थल हैं ।
खंडवा –
- खंडवा के मांधाता में ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है , यहां नर्मदा नदी और कुंवारी नदी का संगम स्थल है जिसे ओमकारेश्वर तीर्थ के के रूप में जाना जाता है।
- खंडवा में मांधाता और दरदी जलप्रपात स्थित है ।
- खंडवा में नर्मदा नदी की सहायक सुक्ता नदी पर सुक्ता परियोजना स्थित है ।
- ओंकारेश्वर परियोजना से 520 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है ।
- पुनासा में इंदिरा सागर परियोजना से 1000 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है 1984 में इंदिरा गांधी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था ।
- मध्यप्रदेश में सर्वाधिक जल धारण क्षमता वाला , कृत्रिम जलाशय इंदिरा सागर है इंदिरा सागर जलाशय में हनुमंता द्वीप स्थित है जहां चौथा जल महोत्सव आयोजित किया गया था ।
खरगोन –
- खरगोन में नर्मदा की सहायक देजला नदी , जो देवड़ा नामक स्थान से निकलती है , देजला-देवड़ा परियोजना खरगोन में स्थित है
- महेश्वर परियोजना 420 मेगा वाट विद्युत उत्पादन करती है
- खरगोन की तहसील निगरानी , पीतनगर , नागदाटोली जोकि सिंधु सभ्यता के स्थल हैं नर्मदा नदी के किनारे स्थित हैं ।
- इसके अलावा बड़वाह तहसील आध्यात्मिक स्थल नदी पर स्थित है ।
- कसरावद में देश का पहला मेगा फूड पार्क स्थापित किया गया है वह भी नर्मदा नदी के किनारे स्थित है
धार –
- धार में नर्मदा की सहायक मान नदी पर मान परियोजना स्थित है
अलीराजपुर –
- अलीराजपुर में झाबुआ से निकलने वाली हथनी नदी जोकि नर्मदा की सहायक है पर जोबट परियोजना स्थित है जोबट परियोजना को आजाद परियोजना के नाम से भी जाना जाता है (अलीराजपुर को चंद्रशेखर आजाद नगर भी कहते हैं)
गुजरात में नर्मदा नदी –
- गुजरात में नर्मदा नदी 161 किलोमीटर लंबाई में प्रवाहित है गुजरात का भड़ौच शहर नर्मदा नदी पर स्थित है ।
- भड़ोच शहर के देवरिया ग्राम में सरदार सरोवर बांध से 3 किलोमीटर दूरी पर साधु बेट नामक टापू जो नर्मदा नदी द्वारा निर्मित है पर सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति है , जिसे स्टैचू ऑफ यूनिटी नाम से जाना जाता है ।
- जिसकी ऊंचाई 182 मीटर तथा आधार सहित 240 मीटर है जो विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है इसके बाद दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति चीन की स्प्रिंग टेंपल आफ बुद्धा 208 मीटर आधार सहित है ।
- स्टैचू ऑफ यूनिटी के मूर्तिकार राम सुतार हैं इस मूर्ति का निर्माण लार्सन एंड टर्बो कंपनी के द्वारा किया गया है 2018 में श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा जिसका उद्घाटन किया गया ।
- नर्मदा नदी भड़ौच शहर से होते हुए खंभात की खाड़ी में गिरती है तथा नर्मदा नदी ऐस्चूरी का निर्माण करती है ।
- नर्मदा नदी द्वारा खंभात की खाड़ी में दो नदी द्वीप आलिया वेट खदिया वेट का निर्माण किया जाता है जिन पर पेट्रोलियम पदार्थ होने की संभावना है ।
नर्मदा नदी जल विवाद न्यायाधिकरण –
- सरदार सरोवर बांध की वर्तमान ऊंचाई 138.8 मीटर है तथा विद्युत उत्पादन 1450 मेगा वाट है परंतु बांध की ऊंचाई 163 मीटर प्रस्तावित है ।
- सरदार सरोवर बांध परियोजना मध्य प्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र और राजस्थान की सम्मिलित परियोजना है ।
- विद्युत वितरण में मध्य प्रदेश का हिस्सा 57% , महाराष्ट्र का 27% , गुजरात का 16% है , परंतु विद्युत उत्पादन में राजस्थान का हिस्सा नहीं है ।
- इस परियोजना में 28 मिलीयन एकड़ फीट जल वितरण किया जाना है जिसमें मध्य प्रदेश को 18.25 मिलियन एकड़ फीट , गुजरात को 9 मिलीयन एकड़ फीट , महाराष्ट्र को 0. 25 मिलियन एकड़ फीट तथा राजस्थान को 0.5 मिलियनएकड़ फीट , जल वितरण किया जाना है ।
- 1969 मे रामास्वामी की अध्यक्षता में नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन किया गया , जिसके आधार पर जल वितरण किया जा रहा है इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने 1985 में नर्मदा घाटी परियोजना का गठन किया, जिसमें नर्मदा नदी पर 29 बड़ी , 135 मध्यम तथा 3000 छोटी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं ।
जिले |
नर्मदा नदी की सहायक नदियों पर परियोजनाएं |
मंडला | थावर नदी परियोजना |
महान नदी परियोजना( मटियारा परियोजना) | |
हेलोन घाटी परियोजना | |
जबलपुर | बरगी परियोजना(रानी अवंती बाई परियोजना) लाभान्वित जिला जबलपुर मंडला सिवनी |
बरगी अपवर्तन परियोजना लाभान्वित जिले जबलपुर कटनी रीवा सतना | |
होशंगाबाद | तवा परियोजना |
रायसेन | वारना परियोजना लाभान्वित जिला रायसेन भोपाल |
सीहोर | कोलार परियोजना लाभान्वित जिले सीहोर और भोपाल |
खंडवा | सुकता परियोजना |
ओंकारेश्वर परियोजना | |
इंदिरा सागर परियोजना | |
खरगोन | महेश्वर परियोजना |
देदला देवड़ा परियोजना | |
धार | मान परियोजना |
अलीराजपुर | जोबट परियोजना |