सीहोर जिला

सीहोर जिला का गठन 1956 में हुआ। सीहोर जिला से भोपाल जिला  निर्माण 26 जनवरी 1972 को किया गया। सी‍होर जिला मालवा पठार क्षेत्र के अंतर्गत ‘’विंध्‍याचल श्रेणी’’ में आता है। सीहोर जिला का पुराना नाम सिध्‍दपुर था। सीहोर जिला को मध्‍यप्रदेश के गठन से पहले निजाम-ए-मशरीफ के नाम से जाना जाता था।सीहोर के दशहरा बाग मैदान को मालवा की हल्‍दी घाटी कहते है।

सीहोर जिला का गठन

गठन वर्ष 1956
मुख्‍यालय सीहोर
क्षेत्रफल  6578 वर्ग कि.मी. (20वाँ स्‍थान)
सीहोर जिला की प्रमुख नदियाँ नर्मदा, सीप, दुधी, कुलांस, लोतिया, कोलार, पार्वती, और सीवन

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सीहोर जिला के सीमावर्ती जिले

उत्‍तर राजगढ़ दक्षिण हरदा
पूर्व रायसेन पश्चिम देवास

 

सीहोर जिला में ग्रामों की संख्‍या

1072 ( 41 गैर-आबादी)

सीहोर जिला में तहसील

08 (सीहोर, आष्‍टा, इछावर, बुदनी, नसरूल्‍लागंज(भैरूंदा), रेहटी, श्‍यामपुर, जावर)

सीहोर जिला में विकासखण्‍ड

05 (सीहोर, आष्‍टा, इछावर, बुदनी, नसरूल्‍लागंज)

जनसंख्‍या

13,11,332 (28वाँ स्‍थान)

जनसंख्‍या घनत्‍व

199 प्रति वर्ग कि.मी. (30वाँ स्‍थान)

दशकीय जनसंख्‍या वृध्दि दर

21.54%

लिंगानुपात

918 प्रति हजार पुरूष

शिशु लिंगानुपात

912 प्रति हजार बालक

कुल साक्षरता दर

70.06% (23वाँ स्‍थान)

पुरूष साक्षरता दर

80.83%

महिला साक्षरता दर

58.33%

सीहोर जिला सलकनपुर पवित्र स्थल
सीहोर जिला सलकनपुर पवित्र स्थल

सीहोर जिला का सामान्य ज्ञान

  • सीहोर जिले को ‘’पतंजलि‍’’ की  कर्मस्‍थली कहा है 
  • कालियादेव का मेला सीहोर जिले में लगता है।
  • सलकनपुर को 2009 में पवित्र स्‍थल घोषित किया गया। सलकनपुर का मेला भी सीहोर जिले में लगता है।
  • कोलार नदी का उदगम् स्‍थल सीहोर जिले में स्थित है। कोलार परियोजना कोलार नदी पर सीहोर जिले में स्थित है।
  • सीहोर जिले के आष्‍टा तहसील से पार्वती नदी का उदगम् होता है।
  • कालियादेव जलप्रपात सीहोर जिले में स्थित है।
  • सीहोर जिला अपने शरबती गेहूँ के लिए प्रसिध्‍द है।
  • सीहोर के आस-पास भील एंव कोरकू जनजाति निवास करती है। इनके द्वारा भवई लोकनाटय् किया जाता है।
  • सीहोर में उष्‍ण-कटिबंधीय पर्णपाती वन पाये जाते है।
  • सीहोर जिले में काली मिट्टी की अधिकता पायी जाती है। इस मिट्टी में लोहे और चूने की मात्रा अधिक पायी जाती है।
  • सीहोर जिले में रातापानी अभ्‍यारण का कुछ क्षेत्रफल पाया जाता है। परंतु रातापानी अभ्‍यारण रायसेन जिले में स्थित है।
  • सीहोर जिले में बैराइटस् खनिज पाया जाता है। यह एक तरह का बोरियम सल्‍फेट है। जिसका पूरे म.प्र. में 1.93 लाख टन भण्‍डार पाया जाता है।
  • सीहोर के बुधनी क्षेत्र में बासमती चावल का उत्‍पादन किया जाता है।

सीहोर जिला का इतिहास

  • अंग्रेज मेडॉक और कुवर चैन सिंह का युध्‍द दशहरा मैदान में 24 जून 1824 को हुआ। इस युध्‍द में कुंवर चैन सिंह शहीद हुए। 
  • म.प्र. का प्रथम शहीद कुंवर चैन सिंह को कहते है।
  • म.प्र. का मंगल पाण्‍डे कुंवर चैन सिंह को कहा जाता है। 
  • कुंवर चैन सिंह की समाधि सीहोर के दशहरा मैदान में स्थित है।
  • 24 जून को कोमी एकता दिवस मनाया जाता है। 

 

सीहोर जिला का पुरातात्विक महत्व

  • 5 दिसंबर 1982 को सीहोर जिले के ‘’हथनौरा’’ से मानव जीवाश्‍म (मानव खोपड़ी) अवशेष प्राप्‍त हुए।

  • मानव खोपड़ी अवशेष की खोज अरूण सोनकिया ने की थी।

  • मानव खोपड़ी अवशेष दुनिया का सबसे पुराना अवशेष है। इस अवशेष को नर्मदा मानव नाम दिया।

  • मानव खोपड़ी अवशेष नर्मदा घाटी से प्राप्‍त हुए।

  • विलुप्‍त हाथी ‘’स्‍टेगाडॉन’’ के जीवाश्‍म भी हथनौरा से प्राप्‍त हुए।

  • सीहोर जिले की बुदनी तहसील के पानगुराडिया के समीप सारू-मारू की गुफा स्थित है। यहां बौध्‍दकालीन गुफाएं है। इस गुफा के शिलालेख के अनुसार मौर्य सम्राट अशोक के पुत्र महेन्‍द्र और पुत्री संघमित्रा के आने के प्रमाण है

 

सीहोर जिला का ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व

  • विध्‍यांचल की पहाडियो़ की बीच बसा मालवा अंचल का जिला है। यह जिला ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्‍व के लिए जाना जाता है।
  • शैव, सिक्‍ख, जैन, वेष्‍णव, बौध्‍द एवं नाथ समुदाय के अवशेष पाये गए।
  • महर्षि पतंजलि, भगवान राम-लक्ष्‍मण एवं सीता के आने के प्रमाण मिले है।
  • मगध देश, चन्‍द्रगुप्‍त, अशोक महान, राजाभोज, पेशवाओं, रानी कमलावती तथा, नवाबों का ऐतिहासिक महत्‍व में इसकी पहचान है।
  • प्रसिध्‍द चिंतामन गणेश मंदिर सीहोर जिले के गोपालपुर गांव में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण राजा विक्रमदित्‍य के समय का मंदिर है जिसका पुन: जीर्णोध्‍दार पेशवा वाजीराव ने करवाया था।
  • सीहोर का रामलला मंदिर 64 मठों में से एक है।

सीहोर जिला के प्रमुख पर्यटन स्थल 

  • जामा मस्जिद 
  • दुर्गा मंदिर
  • जैन मंदिर
  • हनुमान फाटक
  • रामलला मंदिर
  • सलकनपुर

 

सीहोर जिले की प्रमुख अनुसंधान संस्थान

  • देश का पहला आवासीय खेल विद्यालय स्‍थापित किया गया।

  • रफी अहमद किदवई कॉलेज ऑफ एग्रीकल्‍चर यही पर स्थित है।

  • दलहन अनुसंधान केन्‍द्र सीहोर के अमलाहा में प्रस्‍तावित है।

  • अंतर्राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान केन्‍द्र सीहोर जिले में प्रस्‍तावित है।

  • लघु वन उपज संघ के द्वारा यहां जड़ी बूटियाँ व आंवले से विभिन्‍न उत्‍पाद त्रिफला तैयार किए जाते है।

  • ट्रेक्‍टर प्रशिक्षण एवं ट्रैनिंग सेन्‍टर सीहोर जिले के बुधनी में स्थित है।

  • रेल्‍वे स्‍लीपर के बनाने का कारखाना सीहोर जिले के बुधनी में स्थित है।

  • केन्‍द्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एंव परीक्षण संस्‍थान बुधनी में है

  • सीहोर जिले में बैराइटस् खनिज पाया जाता है। यह एक तरह का बोरियम सल्‍फेट है। जिसका पूरे म.प्र. में 1.93 लाख टन भण्‍डार पाया जाता है।

  • सीहोर के बुधनी क्षेत्र में बासमती चावल का उत्‍पादन किया जाता है।

  • सीहोर में उष्‍ण-कटिबंधीय पर्णपाती वन पाये जाते है।

       गोकुल महोत्‍सव (सीहोर)

  • पशुपालन विभाग द्वारा सीहोर जिले में 27 मार्च से 10 मई तक हर वर्ष गोकुल महोत्‍सव आयोजित किया जाता है।
  • इस उत्‍सव में भारतीय देशी नस्‍लों की गायों का दूध की प्रतियोगिता होती है। इस प्रतियोगिता में सभी पशु पालकों को 5 हजार रूपये का पुरूस्‍कार दिया जाता है।
  • इस पुरूस्‍कार को गोपाल पुरूस्‍कार कहते है।
  • प्रथम गोपाल पुरूस्‍कार – एक दिन में 15 कि.ग्रा. दूध देने वाली गाय को 50 हजार रूपये दिया जाता है।

 

सीहोर जिला के प्रमुख व्‍यक्तियों के नाम 

          शिवराज सिंह चौहान (मामा)

  • जन्‍म – 5 मार्च 1959 (बुधनी)
  • माता – सुन्‍दर बाई
  • पिता – प्रेम सिंह चौहान
  • पत्‍नी – साधना सिंह
  • पुत्र – कार्तिकेय चौहान और कुणाल चौहान
  • कार्यकाल – 29 नवंबर 2005 से 2018 तक
  • चुनाव क्षेत्र – बुधनी
  • कृषि कर्मण पुरूस्‍कार – 5 बार प्राप्‍त हुआ
  • म.प्र. के प्रथम मुख्‍यमंत्री प्‍लाज्‍मा डोनेट करने वाले मुख्‍यमंत्री है।
  • सर्वाधिक कार्यकाल – शिवराज सिंह चौहान (4 बार)
  • शिवराज सिंह चौहान का उपनाम – पाव पाव भैया
  • शिवराज सिंह चौहान मुख्‍यमंत्री बाबूलाल गौर के स्‍थान पर बने।

 

              प्रभाष जोशी
  • प्रभाष जोशी एक वरिष्‍ठ पत्रकार थे। जिनका निधन 2009 में हुआ। 
  • इन्‍ही के नाम पर म.प्र. का सर्वोच्‍च मलखम्‍ब में प्रभाष जोशी पुरूस्‍कार दिया जाता है।
  • प्रभाष जोशी पुरूस्‍कार की शुरूआत 2013 में हुई। 
  • मलखम्‍ब को म.प्र. का राष्‍ट्रीय खेल 10 अप्रेल 2013 को घोषित किया गया।
  • म.प्र. में 14 मलखम्‍ब केन्‍द्र स्‍थापित किये गये।
  • म.प्र. मलखम्‍ब अकादमी उज्‍जैन में स्थित है। इस अकादमी स्‍थापना वर्ष 2018 में की गई।
  • म.प्र. में मलखम्ब खेल के खिलाड़ी – अजय वक्‍तारिया, चिंतामन कश्‍यप, चन्‍द्रशेखर चौहान।
  • म.प्र. में खेल युवा कल्‍याण विभाग की स्‍थापना 1957 में की गई।
  • म.प्र. की प्रथम खेल नीति 1989 तथा नई खेल नीति 2005 में प्रारंभ की गई।

पार्वती नदी

                    पार्वती नदी 
  • इस नदी का उद्गम सीहोर जिले की आष्‍टा तहसील से हुआ है।
  • पार्वती नदी सीहोर के आष्‍टा से निकलती हुई शाजापुर, राजगढ़ से होते हुए गुना जिले की सीमा बनाते हुए राजस्‍थान के कोटा में चम्‍बल नदी से मिल जाती है।
  • राजगढ़ में स्थित ब्‍यावरा इसी नदी पर स्थित है। जिसे म.प्र. का चौराहा कहते है।
  • इस नदी पर राजगढ़ में स्थित नरसिंहगढ़ इसी नदी पर स्थित है जिसे मालवा-ए-कश्‍मीर कहा जाता है।
  • इस नदी पर शाजापुर, आष्‍टा, सीहोर और राजगढ़ बसा हुआ है।

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        लेखक – मनोज प्रताप सिंह सिसोदिया                         

 

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