विदिशा जिला

विदिशा जिला भोपाल संभाग का जिला है।

पुराणों में विदिशा जिला (District Vidisha ) का नाम भद्रावती है। विदिशा जिला (District Vidisha) के अन्‍य प्राचीन नाम – भिलसा (भेलसा), दर्शाण (10 दुर्ग वाला क्षेत्र), महामालिस्‍तान और बेसनगर के नाम से जाना जाता था। औरंगजेब ने विदिशा जिला (District Vidisha) को आलमगिरपुर नाम दिया था। विदिशा जिला (District Vidisha) प्राचीन व्‍यापारिक मार्ग पर हाथी दांत के लिए प्रसिध्‍द है। भागवत धर्म से सम्‍बंधित हेलियाडोरस का गरूड़ स्‍तम्‍भ बेसनगर में स्थित है वृषनाथ ने विदिशा में नागवंश की स्‍थापना की थी। बेसनगर ताम्रपाषाण काल की नगरी रही है। उदयपुर (विदिशा जिला) का नीलकंठेश्‍वर मंदिर  परमार वंश कालीन है। जैन तीर्थकर शीतलनाथ की जन्‍मस्‍थली विदिशा  जिला में है।

विदिशा जिला का सामान्य ज्ञान

  • विदिशा जिला 1956 में म.प्र. के गठन के समय ही बना था।
  • राजस्‍थान से प्राप्‍त सिरोंज तहसील को म.प्र. के विदिशा जिला में शामिल किया गया।
  • 1952 में प्रथम राष्‍ट्रपति राजेन्‍द्र प्रसाद ने विदिशा का नाम रखा था।
  • विदिशा जिला स्‍व. अटल बिहारी वाजपेयी एवं स्‍व. सुषमा स्‍वराज का लोकसभा क्षेत्र रहा है।
  • देश का पहला व सबसे ऊंचा समवसरण मंदिर विदिशा में बनाया जाएगा।
विदिशा जिला नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर
विदिशा जिला नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर

गठन

वर्ष 1956

विदिशा जिला का प्राचीन नाम

वेदिश, वेसनगर, वैस्‍वनगर, भीलसा

मुख्‍यालय

विदिशा जिला

विदिशा जिला का क्षेत्रफल 

7371 वर्ग कि.मी. (13वाँ स्‍थान)

विदिशा जिला की प्रमुख नदियाँ

बेतवा, हलाली, सिंध, बीना, 

विदिशा जिला के सीमावर्ती जिले

उत्‍तर गुना, अशोकनगर दक्षिण रायसेन
पूर्व सागर दक्षिण-पश्चिम भोपाल

 

विदिशा जिले में ग्रामों की संख्‍या

1614 ( 78 गैर-आबादी)

विदिशा जिला की तहसील

11 (विदिशा, ग्‍यारसपुर, बासौदा, नटेरन, कुरवाई, सिरोंज, लटेरी, शमशाबाद, त्‍योंदा, गुलाबगंज, पठारी)

विदिशा जिला के विकासखण्‍ड

07 (विदिशा, गंजबासौदा, ग्‍यारसपुर, लटेरी, नटेरन, शमशाबाद, सिरोज)

विदिशा जिला की जनसंख्‍या

14,58,875 (31वाँ स्‍थान)

जनसंख्‍या घनत्‍व

198 प्रति वर्ग कि.मी. (31वाँ स्‍थान)

दशकीय जनसंख्‍या वृध्दि दर

20.09%

लिंगानुपात

896 प्रति हजार पुरूष

शिशु लिंगानुपात

926 प्रति हजार बालक

कुल साक्षरता दर

70.53% (22वाँ स्‍थान)

पुरूष साक्षरता दर

79.14%

महिला साक्षरता दर

60.85

 

मध्य प्रदेश एवं विदिशा जिला में मौर्यकाल 322-250 ई.पू. 

  • चौथी शताब्‍दी में अशोक अवन्तिका का राज्‍यपाल था।
  • अशोक का विवाह विदिशा नगर सेठ की पुत्री महादेवी (श्रीदेवी) से हुआ था।
  • अशोक के पुत्र का नाम महेन्‍द्र व पुत्री का नाम संघमित्रा था। अशोक ने इन्‍हें बौध्‍द धर्म प्रचार के लिए श्रीलंका भेजा था।
  • अशोक ने श्रीदेवी के कहने पर सांची स्‍तूप (रायसेन) और वैश्‍य टेकरी (उज्‍जैन) का निर्माण करवाया था।
  • चांदी व तांबे से निर्मित मौर्य कालीन सिक्‍के विदिशा, त्रिपुरी (जबलपुर), उज्‍जैन, एरण और सतना से सिक्‍के प्राप्‍त हुए।

 मध्य प्रदेश एवं विदिशा जिला में मौर्य कालीन अभिलेख

 मौर्य कालीन अभिलेख
  • रूपनाथ का अभिलेख मौर्य कालीन अभिलेख है। यह अभिलेख कटनी जिले के बहोरीबंद तहसील में स्थित है।
  • गुजरा अभिलेख मौर्यकालीन अभिलेख है। यह अभिलेख म.प्र. के दतिया जिले में स्थित है। इस अभिलेख में अशोक का नाम ‘’देवना प्रियदर्शी’’ मिलता है।
  • सांची अभिलेख मौर्य कालीन अभिलेख है। यह म.प्र. के रायसेन जिले में स्थित है।
  • काली तलाई अभिलेख मौर्य कालीन अभिलेख है। यह म.प्र. के जबलपुर जिले में स्थित है।
  • कसरावद अभिलेख मौर्य कालीन अभिलेख है। यह म.प्र. के खरगौन जिले में स्थित है।

मध्य प्रदेश एवं विदिशा जिला में  मौर्यकालीन स्मारक

  मौर्य कालीन स्‍मारक
  • सांची स्‍तूप मौर्य कालीन स्‍मारक है। यह स्‍तूप म.प्र. के रायसेन जिले में स्थित है।
  • भरहुत स्‍तूप मौर्य कालीन स्‍मारक है। इस स्‍तूप की खोज 1873 में अलेक्‍जेंडर कनिघंम ने की थी। यह स्‍तूप सतना जिले में स्थित है।
  • तुमैन का स्‍तूप मौर्य कालीन स्‍मारक है जो म.प्र. के अशोकनगर में स्थित है।
  • वैश्‍य टेकरी मौर्य कालीन स्‍मारक है जिसे अशोक ने अपनी पत्नि श्रीदेवी के कहने पर उज्‍जैन में बनवाया था।
  • देऊर कोठार स्‍तूप मौर्य कालीन स्‍मारक है। जो म.प्र. के रीवा में स्थित है।
  • सतधारा, सोनारी व अंधेर का स्‍तूप मौर्य कालीन स्‍मारक है। जो म.प्र. के रायसेन में स्थित है।

 

     मध्य प्रदेश एवं विदिशा जिला में शुंग वंश

     शुंग वंश
  • शुंग वंश की उत्तपत्ति उज्‍जैन से माना जाता है।
  • शुंग वंश का संस्‍थापक पुष्‍यमित्र था।
  • शुंग वंश के प्रमुख शासक पुष्‍यमित्र शुंग के अलावा अग्निमित्र, वसुमित्र, भागमित्र व देवभूति थे।
  • शुंग वंश के शासक भागभद्र के समय 14 वें ग्रीक राजा एंटिअकिडस राजदूत हेलियोडोरस विदिशा में आया था।
  • हेलियाडोरस ने विदिशा जिला में गरूण स्‍तम्‍भ का निर्माण करवाया। जिससे भागवत धर्म (वैष्‍णव धर्म) के साक्ष्‍य मिलते हैा गरूण स्‍तम्‍भ भगवान विष्‍णु को समर्पित है।
  • पुष्‍यमित्र और अग्निमित्र का शासन विदिशा जिला  में रहा है।
  • पुष्‍यमित्र शुंग ने विदिशा को अपनी राजधानी बनाया था।
  • शुंग वंश की जानकारी कालिदास की पहली रचना मालविकाग्निमित्रम् में मिलती है।
  • कालिदास की रचना मालविकाग्निमित्रम में अग्निमित्र व मालविका का प्रेम प्रसंग का वर्णन मिलता है।
  • पुष्‍यमित्र शुंग ने सेनानी दधिअज्जि की उपाधि धारण की।
  • देवभूमि इस शुंग का अंतिम शासक था।

   विदिशा जिला मे सातवाहन वंश

    सातवाहन वंश
  • सातवाहन वंश के संस्‍थापक सि‍मुक थे।
  • सातवाहन वंश के संस्‍थापक सिमुक ने विदिशा के शासक कण्‍व को पराजित किया था।
  • विम कडफिसेस (कुषाण संस्‍थापक) के सिक्‍के विदिशा में मिले है।
  • यज्ञश्री सातकर्णी के सिक्‍के (165-193ई.) भी विदिशा से प्राप्‍त हुए।
  • सर्वप्रथम सातवाहन वंश ने शीसे के सिक्‍के चलाए थे।
  • ब्राम्‍हणों को भूमि दान देने की प्रथा सातवाहन वंश के द्वारा की गई थी।
  • सातवाहन वंश को आंध्रयुग (अंधयुग) के नाम से भी जानते है।
  • सातवाहन वंश के प्रमुख शासक सिमुख, शातकर्णिपुत्र, पुलवामीपुत्र, गौतमीपुत्र और वासिष्‍ठीपुत्र थे।
  • सातवाहन वंश के अधिकतम शासकों का नाम उनकी माँ के नाम पर मिलता है।
  • उत्‍तर भारत व दक्षिण भारत के बीच सेतु का कार्य किया था।
  • अजंता व एलोरा की गुफा के समूह के कुछ गुफाओं का निर्माण करवाया था।
  • पुष्‍यमित्र शुंग को कुछ इतिहासकारों ने बौध्‍द धर्म का विनाशक कहा है क्‍योंकि इसने 1000 बौध्‍द भिक्षुकों की हत्‍या करके सरयू नदी में फिकवा दिया था। लेकिन कुछ इतिहासकारों ने इसे बौध्‍द धर्म का संरक्षक भी कहा है, क्‍योंकि इसने सांची स्‍तूप या भरहुत स्‍तूप में तोरण द्वार का निर्माण करवाया था।

उदयगिरी की गुफा ( विदिशा जिला)

  • इस गुफा का निर्माण चन्‍द्रगुप्‍त-II (विक्रमादित्‍य) के मंत्री वीर सेन ने करवाया था।
  • उदयगिरी की गुफाएँ गुप्‍तकालीन है।
  • इस गुफा में 20 गुफा स्थित है। यह गुफा हिन्‍दु और जैन धर्म से सम्‍बंधित है।
  • 1 नम्‍बर गुफा से  20 वा नम्‍बर तक की गुफा में हिन्‍दु धर्म से सम्‍बंधित है।
  • 2 नम्‍बर गुफा और 19 नम्‍बर गुफा जैन धर्म से सम्‍बंधित है।
  • यहां पर वीरसेन साव का अभिलेख है।
  • ग्‍यारसपुर का मालादेवी मंदिर उदयगिरी की बाह अवतार प्रतिमा ख्‍यात है।

 विदिशा जिला उद्योग

            विदिशा जिला आर्थिक उत्‍पादन एवं उत्‍पादक इकाइयाँ
  • वनस्‍पति घी उद्योग
  • मेटल वर्क्‍स
  • प्‍लास्टिक पाइप उद्योग
  • जी.आई. कटीले तार

 

  • म.प्र. का सबसे गर्म स्‍थान गंजबासौदा (विदिशा जिला) था वर्तमान में म.प्र. का सबसे गर्म स्‍थान छतरपुर जिले का नौगांव 49 डिग्री सेल्सियस नापा गया है।
  • विदिशा जिला में सर्वाधिक चने की कृषि की जाती है।
  • प्रमुख पत्रिकाएं – नया विकल्‍प, अविराम, अनंत।

विदिशा जिले का प्रमुख व्यक्ति (हस्ती)- कैलाश सत्यार्थी

    
  • इनका जन्‍म 11 जनवरी 1954 को म.प्र. के विदिशा जिले में हुआ था।
  • इनका मूल नाम कैलाश शर्मा था।
  • बाल अधिकार, कार्यकर्ता बालश्रम एवं विरूध्‍द
  • यह बचपन बचाओं आन्‍दोलन के प्रेरणाता है। बचपन बचाओ आंदोलन की शुरूआत 1980 में की गई।
  • इन्‍हें भारत का नोबल पुरूस्‍कार 2014 में शांति के क्षेत्र में मिला था।

विदिशा जिला सिंचाई के साधन

  • हलाली नहर हलाली नदी (कत्‍ल नदी) पर विदिशा व रायसेन जिले में स्थित है।
  • सिंचाई के अन्‍य स्‍त्रोतों में (नदी, नाले, बावड़ी) से सर्वाधिक सिंचित विदिशा जिला है। म.प्र. में सर्वाधिक सिंचाई नलकूपों के द्वारा की जाती है।
  • मध्यप्रदेश में सिंचाई परियोजना अधिक जानकारी के लिए
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सिंचाई के साधन सर्वाधिक सिंचित जिले
कुआँ मंदसौर
नहर होशंगाबाद
तालाब बालाघाट
ट्यूब वेल (बोर) इंदौर

विदिशा जिला प्रमुख धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल

  • विदिशा से 55 कि.मी. दूर 300 वर्ष पुराना मोहम्‍मदगढ़ दुर्ग है जो मोहम्‍मदगढ़ गाँव की पहाड़ी पर स्थित है।
  • पुराणों में विदिशा की चर्चा भद्रावती या भद्रावतीपुरम के रूप में की गई है, जबकी जैन ग्रंथों में इसका नाम भड्डलपुर या भद्यिलपुर मिलता है। मध्‍ययुग आते-आते इसका नाम सूर्य (भैलास्‍वामीन) के नाम पर भेल्लि स्‍वामिन, भेलसानी या भेलसा हो गया।
  • परमार कालीन स्‍थापत्‍य की भूमिज शैली का विदिशा के उदयपुर के प्रसिध्‍द मंदिर नीलकंठेश्‍वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण राजा भोज के पुत्र उदयादित्‍य (1059) द्वारा कराया गया।
  • बीजा मंडल एक एतिहासिक स्‍थापत्‍य है।
  • करीला में सीता माता का मंदिर है।
            विदिशा जिला के  महत्‍वपूर्ण स्‍थल और धार्मिक स्‍थल
महत्‍वपूर्ण स्‍थल – उदयगिरी गुफाएँ, लोहांगी पहाड़ी, बौध्‍द स्‍तूप, वस्‍त्र मठ, मानसरोवर ताल, हिडोला तोरण (विष्‍णु दशअवतार), अठखम्‍भा, चौखंभा, भूरीटोरी, गोरे सैनिक का कब्रिस्‍तान, हेलियोडोरस स्‍तंभ, चरणतीर्थ, रावणटोल, ग्‍यारसपुर, रावजी की हवेली, मौलीजी की पहाड़ी।

धार्मिक स्‍थल – दशावतार मंदिर, ग्‍यारसपुर का विष्‍णु को समर्पित बाजरा मठ मंदिर(सूर्य,शिव,विष्‍णु), मालादेवी मंदिर, गडरमल मंदिर (बडोह-पठारी), विजया मंदिर, शीतलधाम, भादिलपुर जैन मंदिर, खामबाबा (गरूड स्‍तंभ), चरणतीर्थ, विदिशा (कुरवाई) का किला, मंदगंध स्‍थान (दुधिया और साफ पानी कुण्‍ड), लटेरी, सोलह खंभा (कुरवाई), उषा मंदिर, गिरधारी मंदिर (सिरोंज), बढोह ताल, बीजा मण्‍डल मस्जिद।

 

  • 10वीं शताब्‍दी (ग्‍यारसपुर) यहां से एक बड़ा अभिलेख मिला जिसमें चामुंड राज, शिवगढ़ और महेन्‍द्रपाल का उल्‍लेख है।
  • एक तांबे का सिक्‍का ग्‍यारसपुर से मिला जो मालवा शासक ग्‍यासुद्दीन तुगलक का है।
  • बेसनगर (1913 से 1914) में इस स्‍थल का उत्‍खनन श्री डी.आर. भंडाकर ने किया था।
                  विदिशा जिला परिवहन
  • विदिशा – मुंगाबली – चंदेरी स्‍टेट हाईवे क्रमांक 19 को बदलकर NH-346  रखा गया।
  • सिरोंज – ब्‍यावरा स्‍टेट हाईवे क्रमांक 14 को बदलकर NH-752 रखा गया।
  • विदिशा – बैरसिया NH-552
  • विदिशा – कानपुर – देवास NH-186 

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           लेखक – मनोज प्रताप सिंह सिसोदिया                       

 

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