मध्य प्रदेश की जल विद्युत एवं सिंचाई परियोजना
मध्य प्रदेश की जल विद्युत एवं सिंचाई परियोजना मैप के माध्यम से

चंबल घाटी परियोजना

  •  मध्य प्रदेश की पहली जल विद्युत एवं सिंचाई परियोजनाए परियोजना है ।
  • इसकी शुरुआत 1953-54 में की गई थी ।
  • यह मध्य प्रदेश एवं राजस्थान सरकार की संयुक्त परियोजना है ।
  • इसके तीन चरण हैं

गांधी सागर जल विद्युत परियोजना

  •  यह मध्य प्रदेश की पहली जल विद्युत परियोजना है |
  • इसका निर्माण 1960 में किया गया ।
  • गांधी सागर की जल विद्युत क्षमता 115 मेगावाट है ।
  • इसमें मध्य प्रदेश और राजस्थान की बराबर हिस्सेदारी है।

 

राणा प्रताप सागर जल विद्युत परियोजना

  • इसकी शुरुआत 1964 में की गई थी ।
  • यह चंबल नदी पर चित्तौड़गढ़ जिले में राजस्थान में स्थित है ।
  • इससे 172 मेगा वाट विद्युत उत्पादन होता है ।

 

जवाहर सागर या कोटा बैराज जल विद्युत परियोजना

  • यह राजस्थान में कोटा में चंबल नदी पर स्थित है ।
  • इसकी स्थापना 1971 में की गई थी।
  • इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 99 मेगावाट है।
  • इससे कोटा बैराज जलाशय से नहर द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध है |
  • दाई नहर से मध्य प्रदेश तथा बाई नहर से राजस्थान में सिंचाई की जाती है|

नर्मदा घाटी परियोजना

  • नर्मदा घाटी परियोजना मध्य प्रदेश की  जल विद्युत परियोजना एवं सिंचाई परियोजना है
  • नर्मदा घाटी परियोजना मध्य प्रदेश, गुजरात , महाराष्ट्र एवं राजस्थान की संयुक्त परियोजना है ।
  • नर्मदा जल विवाद के चलते 1969 में नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन श्री रामा स्वामी की अध्यक्षता में किया गया ।
  • इसी आधार पर मध्यप्रदेश में 1985 में नर्मदा घाटी परियोजना का गठन किया।
  • जिसमें नर्मदा नदी पर 29 बड़ी 135 मध्यम तथा 3,000 छोटी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं ।

नर्मदा नदी पर  मध्य प्रदेश में निम्न  जल विद्युत परियोजना एवं सिंचाई परियोजना का निर्माण किया गया है|

 

इंदिरा सागर परियोजना खंडवा

  •  मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पुनासा नामक स्थान पर स्थित है।
  • इस परियोजना से 1000 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जाता है।
  • लगभग 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होता है|

ओंकारेश्वर परियोजना 

  • यह परियोजना मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है|
  • इससे 520 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है |

महेश्वर परियोजना 

  • मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले में नर्मदा नदी पर स्थित है।
  • इससे 400 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है।
  • इस परियोजना से डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होता है।

सरदार सरोवर जल विद्युत परियोजनाएं एवं सिंचाई परियोजनाए

  • यह नर्मदा नदी पर गुजरात के नर्मदा जिले में केवड़िया गांव के पास निर्मित है ।
  • यह मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र तथा राजस्थान की संयुक्त परियोजना है । 
  • इसकी आधारशिला 1961 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखी गई थी तथा इस परियोजना का प्रारंभ 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था ।
  • इस परियोजना से 1450 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा ।
  • इस बांध की वर्तमान ऊंचाई 138.8 मीटर है तथा प्रस्तावित ऊंचाई 163 मीटर है ।
  • विद्युत उत्पादन में मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और गुजरात की हिस्सेदारी है ।
  • इस परियोजना से 28 मिलियन एकड़ फिट जल वितरण किया जाना है ।
  • जिसमें मध्य प्रदेश को 18.25 मिलियन एकड़ फ़िट गुजरात को 9 मिलीयन एकड़ फ़िट महाराष्ट्र को 0.25 मिलियन एकड़ फ़िट तथा राजस्थान को 0.50 मिलियन एकड़ फ़िट जल वितरण किया जाएगा ।

तवा परियोजना

  • तवा बहुउद्देशीय परियोजना नर्मदा नदी पर 29 बड़ी परियोजनाओं में से पहली परियोजना है ।
  • यह होशंगाबाद जिले में नर्मदा की सहायक तवा नदी पर स्थित है ।
  • तवा नदी पर 60 मीटर चौड़ा तथा 1322 मीटर लंबा बांध बनाया गया है ।
  • 200 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा तथा लगभग 3.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा |

रानी अवंती बाई परियोजना (बरगी परियोजना)

  • मध्य प्रदेश जबलपुर में नर्मदा नदी पर निर्मित परियोजना है ।
  • इस परियोजना से 1.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा ।
  • जिससे जबलपुर मंडला सिवनी जिले लाभान्वित होंगे|
  • इस परियोजना का दूसरा भाग बरगी अपवर्तन परियोजना है |
  • जिससे जबलपुर , कटनी , रीवा , सतना का 2.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा|

माही परियोजन

  • यह मध्य प्रदेश राजस्थान की संयुक्त परियोजना है|
  • इस परियोजना के अंतर्गत धार एवं झाबुआ में बांध निर्माण कर सिंचाई हेतु जल उपलब्ध करवाया गया है|

देजला देवड़ा परियोजना

नर्मदा नदी की सहायक देजला नदी पर देवड़ा नामक स्थान पर खरगोन जिले में यह परियोजना स्थित है जिससे खरगोन जिला लाभान्वित होता है|

बाणसागर जल विद्युत परियोजनाएं एवं सिंचाई परियोजनाए सीधी 

  • यह मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश तथा बिहार की सोन नदी पर 110 मेगावाट क्षमता की संयुक्त परियोजना है |
  • जिसे बढ़ाकर 425 मेगा वाट किया जा रहा है |
  • इसके अंतर्गत सोन नदी पर चार बांध बनाए गए हैं ।

टोंस 315 मेगावॉट

सिलपरा 30 मेगावाट

देवलोद 60 मेगावाट

झीन्ना 20 मेगावाट

हलाली (सम्राट अशोक सागर) परियोजना

यह बेतवा की सहायक हलाली नदी पर विदिशा में स्थित परियोजना है।

मणिखेड़ा (अटल सागर)परियोजना

  • शिवपुरी में सिंध नदी पर स्थित परियोजना है |
  • इससे शिवपुरी ग्वालियर दतिया गुना क्षेत्र लाभान्वित है ।

पेंच परियोजना

  • मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना छिंदवाड़ा जिले में माचागोरा गांव के निकट पेंच नदी पर स्थित है|
  • इस परियोजना से छिंदवाड़ा एवं बालाघाट क्षेत्र लाभान्वित होता है|

वेनगंगा परियोजना ( अपरबेन गंगा परियोजना )

  • यह मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की सम्मिलित परियोजना है|
  • वैनगंगा नदी पर संजय गांधी सरोवर बांध परियोजना स्थित है |
  • इसी परियोजना के अंतर्गत भीमगढ़ गांव में मिट्टी निर्मित बांध बनाया गया है |
  • जो एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी बांध या कीचड़ बांध भी कहा जाता है |
  • जिससे बालाघाट सिवनी का क्षेत्र सिंचित होता है|

तोतलाडोह परियोजना

  • यह पेंच नदी पर स्थित मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित परियोजना है

सीता रेखा परियोजना

  •  छिंदवाड़ा जिले में स्थित है 15 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है |
  • यह निजी क्षेत्र के द्वारा संचालित है|

बाघ परियोजना

  • यह परियोजना बाघ नदी पर मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है|
  • |जिससे महाराष्ट्र राज्य के क्षेत्र सिंचित होते हैं |
  • बाघ परियोजना की पूरक परियोजना काली सरार परियोजना है|
  • जो बाघ नदी पर स्थित है यह मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है|

मोहनपुरा सिंचाई परियोजना राजगढ़

  • राजगढ़ में नेवज नदी पर स्थित परियोजना उसका उद्घाटन 2018 में नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया |
  • इस सिंचाई परियोजना के द्वारा राजगढ़ जिले के 730 गांव लाभान्वित होंगे|
  • परियोजना के माध्यम से पेयजल व औद्योगिक जलापूर्ति भी की जाएगी|
  • इस परियोजना में राजगढ़ मोहनपुरा गांव में 77 मीटर ऊंचा पक्का बांध बनाया गया है|
  • मोहनपुरा परियोजना देश की पहली परियोजना है जिसमें सिंचाई के लिए दबाव आधारित पाइपलाइन खेतों तक पहुंचाई गई है|
  • जिससे लगभग 1.35 लाख  हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी|

कुंडलिया बांध राजगढ़ – आगर मालवा

  •  सिंचाई परियोजनाए का विस्तार मध्य प्रदेश की राजगढ़ और आगर मालवा जिले में है|
  • कालीसिंध नदी पर बांध का निर्माण किया गया है |
  • इस परियोजना के माध्यम से राजगढ़ जिले के खिलचीपुर जीरापुर और सारंगपुर तथा आगर मालवा जिले के सुसनेर और नलखेड़ा क्षेत्र के गांव में सिंचाई और पेयजल व्यवस्था की जाएगी|
  • इस परियोजना में दबाव आधारित सिंचाई पद्धति पाइप लाइन के माध्यम से की जाएगी|
  • इस परियोजना में 130639 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी|

पार्वती बृहद सिंचाई परियोजना 

  • नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ नरसिंहगढ़ में पार्वती नदी पर 23.4 मीटर ऊंचा मिट्टी बांध निर्मित किया जाएगा|
  • जिस से 132 गांव की 48000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी|

चोरल नदी सिंचाई परियोजना

  • यह इंदौर जिले की पहली मध्यम सिंचाई परियोजना है |
  • जो मध्य प्रदेश की पहली अंतर घाटी परियोजना कहलाती है|

मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के संयुक्त जल विद्युत परियोजनाएं एवं सिंचाई परियोजनाए

पेंच परियोजना

संजय गांधी सरोवर परियोजना ( वैनगंगा परियोजना )

 बावनघड़ी परियोजना ( राजीव गांधी परियोजना )

बाघ परियोजना

तोतलादोह परियोजना

सीता रेखा परियोजना

काली सरार परियोजना

 

मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की संयुक्त जल विद्युत परियोजनाएं एवं सिंचाई परियोजनाए

राजघाट परियोजना – बेतवा नदी पर अशोकनगर ।

माताटीला परियोजना या रानी लक्ष्मीबाई परियोजना  – दतिया और झांसी के पास बेतवा नदी पर।

भांडेर नहर  परियोजना  – माताटीला बांध से बाई नहर जिसे भांडे नहर के नाम से जाना जाता है |इससे मध्य प्रदेश के शिवपुरी ग्वालियर दतिया क्षेत्र में सिंचाई की जाती है।

उर्मिल परियोजना – छतरपुर में उर्मिल नदी पर

बरियारपुर नहर परियोजना – केन नदी पर छतरपुर पन्ना सीमा पर स्थित है

ग्रेटर गंगऊ – परियोजना केन नदी पर छतरपुर पन्ना

नरगवां परियोजना – केन नदी की सहायक नदी नरगवां पर छतरपुर में

मध्य प्रदेश राजस्थान की संयुक्त जल विद्युत परियोजनाएं एवं सिंचाई परियोजनाए

चंबल नदी घाटी परियोजना – के अंतर्गत गांधी सागर परियोजना राणा प्रताप सागर परियोजना जवाहर कोटा परियोजना माही परियोजना

मध्य प्रदेश गुजरात की संयुक्त जल विद्युत परियोजनाएं एवं सिंचाई परियोजनाए

सरदार सरोवर परियोजना

मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश बिहार की संयुक्त जल विद्युत परियोजनाएं एवं सिंचाई परियोजनाए

बाणसागर परियोजना सोन नदी पर सीधी जिला

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