बेतवा नदी 

  • इसकी लंबाई 380 किलोमीटर है , बेतवा नदी का उद्गम रायसेन कुमरागांव से हुआ है । 

 

बेतवा नदी के उपनाम

  •  बुंदेलखंड की जीवन रेखा
  •  इसके प्रदूषण स्तर के कारण बेतवा नदी को मध्यप्रदेश की गंगा भी कहते हैं । 
  • कालिदास के मेघदूत में बेतवा नदी को बेत्रावती नाम से जाना जाता है ।

 

बेतवा नदी का मार्ग क्षेत्र 

  • बेतवा नदी रायसेन , विदिशा , सागर होते हुए ।उत्तर प्रदेश के ललितपुर झांसी से दोबारा मध्य प्रदेश के ओरछा ( निवाड़ी ) से होते हुए , उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में यमुना से मिलती है।
  •  बेतवा मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश की सीमा बनाते हुए , आगे बढ़ती है।
  •  बौद्ध स्तूप के लिए प्रसिद्ध सांची (रायसेन) बेतवा नदी के तट पर स्थित है ।

 

बेतवा नदी की सहायक नदियां  

  • विदिशा मे बेतवा नदी की सहायक हलाली नदी है जिस पर हलाली नहर परियोजना स्थित है जिससे सम्राट अशोक परियोजना के नाम से जाना जाता है ।
  •  सागर के बीना नामक स्थान से बीना नदी निकलती है जो बेतवा की सहायक है भालकुंड प्रताप जिसे राहतगढ़ प्रताप भी कहते हैं  बीना नदी पर स्थित है बीना नदी के पास आगासोद (बीना सागर) में ओमान के सहयोग से पेट्रोलियम रिफाइनरी स्थापित की गई है ।
  •  सागर से निकलने वाली धसान नदी , टीकमगढ़ से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करके बेतवा नदी से मिलती है । सागर का धामोनी उर्स मेला , धसान नदी के तट पर लगता है ।

 

 बेतवा नदी पर परियोजनाएं 

  • बेतवा नदी पर स्थित जल विद्युत परियोजनाएं तथा सिंचाई परियोजनाएं मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के सम्मिलित परियोजनाएं है ।
  • ललितपुर (उत्तर प्रदेश) और अशोकनगर की सीमा पर राजघाट बांध स्थित है । 
  • झांसी और शिवपुरी की सीमा पर माताटीला बांध जिसे रानी लक्ष्मीबाई बांध भी कहते है ।
  • माताटीला बांध से भांडेर नहर सिंचाई परियोजना , जिससे दतिया , ग्वालियर , शिवपुरी में सिंचाई होती है ।
  •  बेतवा नदी पर झांसी में परीछा बांध बना है ।
बेतवा नदी मध्य प्रदेश
बेतवा नदी पर स्थित जल विद्युत परियोजना

 ओरछा में बेतवा नदी

  •   ओरछा शहर बेतवा वा जामनी नदी के तट पर स्थित है यही ओरछा अभयारण्य भी है , जो अपने घने वृक्षों और पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है ।
  •  ओरछा में रामलीला मेला बेतवा नदी के तट पर तथा हरदौल की मनौती मेले का आयोजन किया जाता है ।
  • केशवदास समारोह बेतवा नदी के तट पर ओरछा मे आयोजित होता है ।
  •  केशवदास की प्रसिद्ध रचना रसिकप्रिया में बेतवा नदी का वर्णन है ।
  • रसिकप्रिया में केशव दास ने सर्वाधिक अलंकार का प्रयोग किया , जिसके कारण केशवदास को कठिन काव्य का प्रेत कहा जाता है ।
  •   बाणभट्ट की कादंबरी में बेतवा नदी का वर्णन है ।

 

ऐरण अभिलेख

सागर में बीना नदी के तट पर प्रसिद्ध प्राचीन स्थल ऐरण है , ऐरण से 510 ईसापूर्व का भानुगुप्त अभिलेख प्राप्त हुआ है , जिसमें सती प्रथा के प्रमाण मिले हैं , भानु गुप्त के सैनिक गोपीराज को युद्ध में वीरगति प्राप्त होने पर , पत्नी सती हुई जिसका उल्लेख भानुगुप्त अभिलेख मे है जिसे ऐरण का सती अभिलेख  कहते है।

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